1. वह एक बदमिजाज और हिंसक व्यक्ति में तब्दील हो जाता है। 2. इसके विपरीत हिंसक व्यक्ति अपने हितों को विश्व-हित से अधिक मूल्य देता है. 3. या किस हिंसक व्यक्ति के सिरहाने बन्दूक रखकर उसे रोज गलिया दी जाये. 4. इसीलिए हिंसक व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में संतुष्ट और समाहित नहीं रह सकता. 5. वह कहते हैं कि मीडिया हमें ज्यादातर हिंसा की पीड़ित और हिंसक व्यक्ति की दास्तान ही बताता है। 6. हिंसक व्यक्ति सदा स्वयं को असुरक्षित और तनावग्रस्त महसूस करते हैं, साथ ही अप्रिय भी होते हैं।7. बहुत ज्यादा पीड़ित और हिंसक व्यक्ति को मंदिर परिसर में ही जंजीरों से भी बांध कर रखा जाता है। 8. हिंसक व्यक्ति जिस क्षण अहिंसा के अनुभाव से परिचित होता है, वह उसकी ठंडी छांह पाने के लिए मचल उठता है.9. जैसा लड़कियों के साथ ब्रह्मचर्य का करते थे, किसी हिंसक व्यक्ति के साथ अहिंसा का नाजुक प्रयोग करते गाँधी का उदाहरण नहीं मिलता। 10. इतना ही नहीं हिंसक व्यक्ति को न केवल तामसी प्रवृत्ति का बताया गया है और उससे दूर रहने का भी संदेश दिया गया है।